वैदिक काल से ही हिंदू धर्मा मेरे कुछ परम्परा चली आ रही है। जिन्के अनुसर कर शीघ्र ही मां लक्ष्मी को खुस कीया जा सक्ता है। आज हम आप को बतायेंगी उन परम्पराओं के बारे में जो आपके जीवन को आनंदमयी बना देगी।
सुबा उथकर पहेल काम नही कर की अपनी डोनो हैथॉन को मिल है और बोले।
कराग्रे वसते लक्ष्मिः करमध्ये सरस्वति ।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम् ॥
अर्थात हाथों के अगले भाग में मां लक्ष्मी का वास होता है बीच में मां सरस्वती का और हथेली की जड़ में ब्रह्म का वास होता है और जब आप सुबह अपनी हथेली को देखते हैं।
सभी देवी देवताओं का आशीर्वाद आपको प्राप्त हो जाता है।
धरती पर पैर रखने से पहले क्षमा मांगे।
सुबह धरती पर पैर रखने से पहले धरती मां को प्रणाम करें और धरती को पैर से छूने के लिए क्षमा मांगे।
मंदिर को साफ करें
घर का मंदिर घर के नॉर्थ ईस्ट कोने में होते हैं वास्तु के अनुसार घर या कोना सदैव साफ सुथरा रखना चाहिए। अत: सुबह मंदिर साफ करें इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है और घर में सुख और समृद्धि आती है।
भगवान भास्कर को जल चढ़ाएं
सूर्य देव की कृपया से जीवन में प्रकाश तो आता ही है साथ ही सूर्य देव की पूजा करने से यश और कीर्ति और सम्मान भी प्राप्ति होती है। अत: रोज सुबह भगवान भास्कर को तांबे का पात्र से जल चढ़ाएं।
गाय को रोटी खिलाएं
हिंदू धर्म में गाय को माता माना गया है और गाय की सेवा को गोविंद सेवा के समान माना गया है अत: सुबह जब खाना बने तो सबसे पहली रोटी गाय के लिए बनाए और फिर गाय को खिला दें।
तुलसी और पीपल की पूजा
तुलसी का पौधा मानव जीवन के लिए संजीवनी के सम्मान और तुलसी में ही मां लक्ष्मी का वास होता है। और पीपल ही एकमात्र ऐसा पौधा है जो 24 घंटे ऑक्सीजन देते हैं और पीपल में भगवान विष्णु शिव और ब्रह्म का निवास होता है अत: इनके पैर पौधा पौधा को रोज पूजा करने से हमें ब्रह्म विष्णु शिव और लक्ष्मी की कृपा स्वता ही प्राप्त हो जाती है।
दोस्तों हिंदू धर्म में उन सभी की पूजा की जाती है जो किसी न किसी रूप से हमारे जीवन में उपयोग है जैसे जानवरों पेड़ पौधे और पंचतत्व सूर्य धरती आकाश जल और वायु का गुण के कारण ही वैदिक काल में इनका पूजा किया जाता रहा है।
उन्हें देव तुल्य माना गया है अगर आप भी इन नियमों का पूरी आस्था के साथ है निर्वाह करेंगे तो नियम निश्चय ही मां लक्ष्मी की कृपा को हासिल करेंगे।