जिन लोगों ने पितृपक्ष में पितरों की पूजा ना की हो वह अमावस्या के दिन पितृ पूजन कर सकते हैं इससे पितर और देव दोनों प्रसन्न होते हैं
अमावस्या के दिन एक स्टील के लोटे में काले तिल,सफेद तिल,जौ, दूध और सफेद मिठाई चढ़ाएं । और मंत्र बोले “ऊँ नमः भगवते वासुदेवाय नमः”,” ॐ पित्रय नमः” दोनों मंत्रों का उच्चारण करें इससे देवता और पितर दोनों ही प्रसन्न होते हैं । लोटे में भरी साड़ी सामग्रियों को पीपल के पेड़ पर चढ़ा दें । साड़ी सामग्रियों को पीपल के पेड़ पर चढने के बाद पीपल के पेड़ के सात बार परिक्रमा करें ,और बोले कि है “देव पितृ हमारे परिवार और हमारे घर पर सदा अपनी कृपा बनाए रखें” और अंत में अपनी सारी गलतियों की क्षमा मांगे