वैसे तो मां लक्ष्मी के बहुत सारे स्वरूप है परंतु मां लक्ष्मी को सबसे प्रिय है श्रीयंत्र तथा लक्ष्मीयंत्र । दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन के समय कलश स्थापना को बहुत महत्व दिया गया है और इस कलश स्थापना के लिए आप एक तांबे का कलश ले यदि तांबे का कलश उपलब्ध नहीं है तो आप मिट्टी का भी कलश ले सकते है, इसके उपरांत कलश में एक रक्षा धागा बांध लें और फिर उस कलश को गंगाजल से भर दे, इसके बाद उसी कलश में एक सुपारी, एक लवंग, एक सिक्का और एक हल्दी का गांठ डाल दें, अंत में एक कटोरी से भरे हुए चावल को उस कलश के ऊपर रख दें और कटोरी के ऊपर एक नारियल रख दे और इस बात का अत्यधिक ध्यान रखें कि नारियल में रक्षा धागा बांधा हो ।
लक्ष्मी पूजन के लिए आप सर्वप्रथम एक पाटा ले, फिर उस पाटे पर एक लाल रंग का वस्त्र बिछा दे क्योंकि लाल रंग लक्ष्मी जी को अतिप्रिय है । इसके उपरांत उस पाटे पर लक्ष्मी और गणेश भगवान की मूर्ति स्थापित करें । एक तांबे की थाली ले क्योकि तांबे की थाली को काफी शुभ माना जाता है पूजन के लिए, अगर तांबे का थाली मिलना संभव नहीं है तो आप किसी अन्य धातु की भी थाली ले सकते हैं ,और अब उस थाली में रोली, मोली, अक्षत, पान, पानी से भरा हुआ एक कलश और चांदी के सिक्के भी रख ले । अगर आप चाहे तो लक्ष्मी जी के समक्ष बहीखाता और कलम भी रख सकते हैं ।
उस जल से भरे हुए कलश को या ऊपर तैयार की गई कलश को लक्ष्मी और गणेश जी के समक्ष बीचो-बीच रख ले । अब आप दो बड़े दीपक ले एक दीपक को घी से भर ले तथा दूसरे दीपक को सरसों के तेल से भर ले, फिर उन दीपकों में से एक दीपक को पाटे के दाई ओर रखे तथा दूसरी दीपक को पाटे के बाई ओर रख दे । इसके बाद आप गणेश लक्ष्मी जी के सामने चावल की 9 ढेरियां बनाएं तथा 16 ढेरियां बनाएं । अब आप इन दोनों ढेरियों के बीच में श्री और स्वास्तिक बना लें । इसके उपरांत अब आप श्री और स्वास्तिक के बीच में एक कसेली रख लें ।
जैसा की हम सभी जानते हैं दीपावली दीपों का त्यौहार माना जाता है इसीलिए आप एक थाली लिए उसमें 11 दीपक सजा लें अब दूसरी थाली में खीर मिठाई बताशा वस्त्र आभूषण चंदन का लेप इत्यादि रख लें ।
अब आप अपने हाथों में थोड़ा सा गंगाजल लेकर अपने ऊपर छिड़क ले और अपनी आशन पर भी थोड़ा गंगाजल छिड़क ले ताकि वह भी शुद्ध हो जाए । यह मंत्र बोले “वरुण विष्णु सबसे बड़े देव देवन में सिरताज बाहर भीतर देह मम मम शुद्ध करो महाराज” । इसके उपरांत आप थोड़ा जल पृथ्वी पर भी छिड़क लें, जिस से पृथ्वी शुद्ध हो जाए । अब आप थोड़ा सा गंगाजल लेकर यह मंत्र बोले “केशवाय नमः” “ॐ नारायणाय नमः” “ॐ श्री वासुदेवाय नमः” और फिर उस जल को धरती पर छोड़ दे । इसके बाद आपसे गणेश जी और लक्ष्मी जी को तिलक लगाएं । अब आप ऊपर दिए गए सारे सामग्री से गणेश तथा लक्ष्मी जी का पूजन करें और अंत में वरुण भगवान का अवश्य आवाहन करें । अब आप चावल से बनी 9 तथा 16 ढेरियां को देवी का स्वरूप मानकर पूजा कर ले और अब आप अंत में सारे परिवार के साथ मिलकर आरती करे ।